देहरादून। प्रभारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून ने अवगत कराया है कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एंव उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देशानुसार आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में ‘‘भारत का अमृत महोत्सव‘‘ के अन्तर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के सचिव द्वारा ग्वासापुल, चकराता में शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा विभिन्न कानूनों की जानकारी दी गयी साथ ही पोक्सो की महत्वपूर्ण धाराओं की जानकारी, के साथ ही किशोर न्याय (बालको की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत यह जानकारी दी गयी की 18 वर्ष के कम आय वाले बच्चों की कार्यवाही हेतु विशेष न्यायालय का प्रावधान कराया गया। जिसमें बाल अधिकार एवं शिक्षा का अधिकार, घरेलू हिंसा, संरक्षण, वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार आदि के संबंध में भी जानकारी दी गयी।
उन्होंने बताया कि सचिव द्वारा नालसा (गरीबी उन्मूलन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विधिक सेवायें) योजना, 2015, में उत्तराखण्ड के सरकारी कार्यालयों व न्यायालयों से संबंधित कानूनी सहायता हेतु आॅफलाइन सुविधा के अतिरिक्त आॅनलाइन सुविधा, स्थायी लोक अदालत की जानकारी भी दी गयी। इसके अतिरिक्त सचिव द्वारा उत्तराखण्ड/ अधिनियम 2018 में नागरिकों को क्या-क्या अधिकार दिए गए है, की भी जानकारी दी गयी, जिसमें अवगत कराया गया है कि पीड़ित व्यक्ति को पुलिस द्वारा उत्पीड़त किये जाने पर वह राज्य/जिला पुलिस शिकायत प्राधिकरणों में संबंधित पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध शिकायत दर्ज कर सकते हैं एवं नालसा अधिनियम 2015 विषय एवं नालसा की विभिन्न स्कीमों की जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि शिविर में उपस्थित व्यक्तियों की समस्याओं का निवारण भी किया गया। शिविर में लगभग 550 व्यक्ति लाभान्वित हुए। 23 अक्टूबर को तहसील डोईवाला, सहसपुर, विकासनगर एवं देहरादून के रायपुर क्षेत्र में सहायक विकास अधिकारी के सहयोग से विधिक साक्षरता शिविर का अयोजन किया गया जिसमें उपस्थित ग्रामीण जनता को निशुल्क विधिक सहायता एवं अन्य कानूनी विषयों में जानकारी दी गयी व शिविरों में लगभग 500 व्यक्ति लाभान्वित हुए।