कारागारों की आधुनिकीकरण प्रक्रिया में लाएं तेजी : मुख्यमंत्री धामी

Prashan Paheli
देहरादून: मुख्यमंत्री ने सोमवार को बैठक में जेलों की आधुनिकीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस दौरान राज्य में जेल विकास बोर्ड के रिवाल्विंग फण्ड स्थापित करने पर सहमति देते हुए एक करोड़ की धनराशि जारी करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जेल विभाग की समीक्षा बैठक की। इस दौरान जेलों की आधुनिकीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य की समस्त जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से न्यायालयों के समक्ष कैदियों के पेशी की व्यवस्था करने के लिए जेलों में वीसी हॉल और तकनीकी विकास की एक कार्ययोजना जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कारागारों को आदर्श जेलों के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। जेलों में कैदियों में सुधार के साथ ही ट्रेनिंग के माध्यम से उनमें इन्टरप्रिन्योरशिप विकसित की जानी चाहिए। उन्हें स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस दिशा में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों,अस्पतालों तथा स्कूलों की वर्दी सिलाई का काम कैदियों से करवाएं जाने हेतु कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है। सरकारी विभागों के सामानों की अधिक से अधिक आपूर्ति भी कारागारों से करने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कैदियों के एम्स ऋषिकेश में उपचार के लिए एम्स से एमओयू करने और एक कार्पस फंड की व्यवस्था के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कैदियों तथा उनके परिजनों के आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए जेलों में कैम्प लगाए जाए। राज्य का कारागार विभाग जल्द ही आदर्श कारागार लखनऊ के तर्ज पर उत्तराखण्ड में अच्छे आचरण वाले कैदियों को कारागार से बाहर सेल्यून, प्रेस, बढ़ई, मोटर बाइन्डिंग जैसे कामों पर लगाए जाने हेतु कार्ययोजना पर कार्य कर रहा है। जेल कर्मचारी कल्याण कोष का होगा गठन- बैठक में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड कारागार विकास बोर्ड के गठन पर भी चर्चा की गई। इसके साथ ही राज्य में कारागार विभाग के मुख्यालय निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि आवंटन पर विचार किया गया। मुख्यमंत्री की ओर से पुलिस व होमगार्ड विभाग की भांति जेल कर्मचारी कल्याण कोष गठन पर भी सहमति व्यक्त की गई। सात जेलों में सीसीटीवी लगाने का कार्य जारी- आईजी कारागार विमला गुंज्याल ने ने बताया कि राज्य की 03 जेलों में पूर्णतः सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं और 07 जेलों में सीसीटीवी लगाने का कार्य चल रहा है। जेलों में 89 बॉडी वॉन कैमरों की भी व्यवस्था की गई है। ई-मुलाकात के तहत कैदियों एवं उनके परिजनों के लिए वीडियो कॉल की सुविधा उपलब्ध है। ई-प्रिजन के माध्यम से बन्दियों के रिकार्ड डिजिटाइज किए गए है। अभी तक 4868 बंदियों को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से न्यायालयों में पेश किया गया है। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी,आईजी रिद्धिम अग्रवाल,अपर सचिव कार्मिक अतर सिंह सहित कारागार और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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