आंदोलन में नहीं है असली किसान, वहां केवल शराब पीने वाले और नोट लेने वाले हैंः भानु प्रताप सिंह

Prashan Paheli

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 10 महीनों से आंदोलन जारी है। किसान नेताओं की मांग इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की है जबकि सरकार पूरी तरह से इसे मना कर रही है। किसान नेता और सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका है। सरकार और किसानों के बीच तकरार की स्थिति लगातार जारी है। इन सबके बीच किसान नेताओं ने अब सरकार को घेरने की तैयारी भी कर ली है। चुनावी राज्यों में किसान नेता लगातार रैली कर रहे हैं। किसान आंदोलन के बीच भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत बड़ा नाम बन कर उभरे हैं। इन सब के बीच भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने राकेश टिकैत पर जबरदस्त हमला किया है।

भानु प्रताप सिंह ने कहा कि राकेश टिकैत पर हमला करते हुए कहा कि वह (राकेश टिकैत) बिना ठगे कोई काम नहीं करते। उन्होंने दावा किया कि किसान आंदोलन कांग्रेस की फंडिंग से चल रहा है। वहां काजू, बादाम, पिस्ता, किशमिश और शराब की बोतल मिल रही है। असली किसान आंदोलन में नहीं है, वहां केवल शराब पीने वाले और नोट लेने वाले हैं। इससे पहले भी भानु प्रताप सिंह कई बार राकेश टिकैत पर जबरदस्त हमला कर चुके हैं। इससे पहले उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत दिल्ली बॉर्डर पर आतंकवाद फैला रहे हैं। उनके अंदर ईमानदारी नहीं रही, वे 100ः बेईमान है। नए कृषि कानून बने रहने दो इसमें कोई दिकघ््कघ्त नहीं है। हमारी मांग है कि किसान आयोग का गठन हो।

इसे भी पढ़ेंः यूपी में क्यों सारे भाईजान हुए परेशान? पहले अब्बाजान, फिर चाचाजान और अब आ गईं अम्मीजान
दूसरी ओर राकेश टिकैत ने भी सियासी बयान देते हुए ओवैसी को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी बीजेपी के चाचाजान हैं। बागपत में रैली के दौरान टिकैत ने ओवैसी और बीजेपी के बीच सांठगांठ का आरोप लगाते हुए ओवैसी को बीजेपी का चाचाजान बताया। टिकैत ने कहा कि ओवैसी बीजेपी को गाली देते हैं, फिर भी उनके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं होता है, क्योंकि ये दोनों एक ही टीम हैं। राकेश टिकैत ने एआईएमआईएम चीफ पर निशाना साधते हुए कहा कि ये बहरूपिया है, कभी तिरछी टोपी पहनेंगे कभी सीधी टोपी पहनेंगे। टिकैत ने कहा कि बीजेपी का चाचाजान उत्तर प्रदेश में आ चुका है और उसका नाम ओवैसी है।

Next Post

राष्ट्रीय शिक्षा नीति विद्यार्थी केन्द्रित हो: प्रो0 हरे कृष्ण

देहरादून। दून विश्वविद्यालय के प्रबन्धशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय वैबिनार को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो0 सुरेखा डंगवाल ने कहा कि वैश्वीकरण के बाद एक नये ओद्योगिक युग का उदय हुआ जिससे समाज को एक नयी सोच और एक नया दर्शन मिला। इस नये समाज के निर्माण के […]

You May Like